हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय के चेहरे में संजीदगी के साथ-साथ एक शरारत भी झलकती थी और एक पागलपन भी। वो एक ऐसी हस्ती थे, जिनके व्यक्तित्व के कई पहलू थे और हर रंग में उन्हें महारत हासिल थी। एक प्रसिद्ध कवि, नाटककार, गायक, गीतकार, चित्रकार, संसद सदस्य और अभिनेता थे। हिंदी में बच्चों के लिए नर्सरी rhymes लिखने की शुरुआत उन्होंने ही की थी, उनकी लिखी कुछ कवितायें फ़िल्मों में भी इस्तेमाल की गईं। आज लोगों को सिर्फ उस बुज़ुर्ग की छवि याद है जिसने फ़िल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएँ निभाईं। लेकिन हास्य भूमिकाओं में दिखाई देने वाले इस अभिनेता का साहित्य में एक गंभीर करियर था। आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी ज़िन्दगी पर एक नज़र। |